अस्सलाम वालेकुम भाइयों और बहनों।
आज हम जानेंगे कि सफर की दुआ कौन सी है, Safar ki Dua का तर्जुमा क्या है और भी कुछ खास बातें हम जानेंगे वो भी आसनी से।
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इस्लाम में सफर क्या है?
सफर मतलब अगर कोई मोमिन घर से बाहर किसी भी काम के लिए निकल रहा है तो उसे सफर कहा जाता है और सफर करने वाले को मुसाफिर कहा जाता है।
सफर की दुआ क्या सच में कुबूल होती है?
जी हां सफर की दुआ अक्सर कबूल की जाती है इसीलिए अपने बचपन में गौर किया होगा कि आपके वालिद आपको सफर की दुआ जरूर पढ़ाए होंगे।
आप सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने फरमाया के इन तीन लोगो की दुआ अल्लाह बेशक क़ुबूल करता है, और वो है।
“दवातुल मजलूम, दवातुल मुसाफिर, वदा वतुल वलीदीन आला वलादिही”
तर्जुमा :- 3 लोग ऐसे हैं जिनकी दुआ कबूल होने में कोई शक नहीं
1: मजलूम की दुआ।
2: मुसाफिर की दुआ।
3: बाप की दुआ बेटे के हक में।
इसीलिए सफर में कभी भी दुआ मांगना ना भूले।
सफर की दुआ कब पढ़नी चाहिए?
Sr No. | कौन पढ़े | कब पढ़े |
1 | बच्चों के लिए | जब भी बच्चे स्कूल जाते वक्त बस में बैठे या फिर कहीं घूमने जाए तो यह वालीदैन की जिम्मेदारी होती है कि बच्चा यह दुआ जरूर पढ़ें। |
2 | बिजनेस के लोगों के लिए | घर से दुकान की तरफ जाते हुए यह दुआ पढ़े और अल्लाह से अपने काम में बरकत मांगे। |
3 | ऑफिस के लोगों के लिए | ऑफिस में ज्यादातर लोग बस या ट्रेन से जाते हैं उस वक्त यह दुआ पढ़ना काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। |
4 | घर की औरतों के लिए | घर की औरतें जब भी बाजार में जाए या फिर खरीदारी करने जाए तो यह दुआ जरूर पढ़ें। |
दुआ करने से Musafir को क्या-क्या फायदे होते हैं?
अपने लिए दुआ करना बहुत अच्छी बात होती है और अल्लाह अक्सर मोमिन की दुआ कबूल भी करता है, लेकिन अगर एक मोमिन दूसरे मोमिन के लिए दुआ करता है वह भी बिना उस मोमीन को बताए तो उसको गयाबाना दुआ कहते हैं।
गयाबाना दुआ का मतलब है कि आप किसी और की सलामती के लिए अल्लाह से दुआ मांग रहे हो उसको बिना बताए कि मैंने आपके लिए दुआ मांगी है।
और सबसे अच्छी बात यह है कि गयाबाना दुआ करने के बाद फरिश्ते आपके लिए दुआ करते हैं।
Example:- आप सफर कर रहे हो और आपने दुआ मांगी के “अल्लाह तू मेरे दोस्त की पैसों की तकलीफ दूर कर दें, आमीन।
पर आपने उस दोस्त को यह नहीं बताया कि आपने उनके लिए दुआ की है तो इसको गयाबाना दुआ कहेंगे।
इस दुआ के बाद फरिश्ते आपके लिए दुआ करेंगे कि अल्लाह इस मोमिन ने अपने से पहले अपने दोस्त के लिए दुआ की है लेकिन इसकी भी जिंदगी में पैसे को लेकर बहुत तकलीफ है।
उसके बाद फरिश्ते भी आपके लिए दुआ करेंगे कि या अल्लाह इसकी भी पैसे की तकलीफे दूर कर दे
क्या आपको अज़ान के बाद की दुआ आती है? अगर नहीं आती है तो आगे Click कर के देखिए के अजान के बाद की दुआ कौनसी है?
सफर में कौन सी दुआ पढ़नी चाहिए?
हमने इस दुआ को 3 अलग अलग भाषा में दी है। जो के हिंदी, अंग्रेजी और अरबी में है
तर्जुमा:- अल्लाह पाक है जिसने इसको हमारे कब्जे में लिया और उसकी कुदरत के बगैर उसको हमारे कब्जे में करने वाला ना थे और हमको अपने रब की तरफ जाना है।
Video for This Dua
FAQ
क्या हम सफर में और कोई दुआ पढ़ सकते हैं?
सफर के लिए बकायदा एक दुआ की गई है जो आंखों पर मिल जाएगी तो वही दुआ पढ़े
क्या सफर में नमाज़ पढ़ सकते हैं?
हां। सफर में नमाज़ पढ़ सकते हैं।
सफर की दुआ कब पढ़नी चाहिए?
सफर की दुआ सफर करते वक्त पड़े तो ज्यादा फायदेमंद होगी।
दिन में कितनी बार इस दुआ को पढ़ना चाहिए?
आप जब भी कहीं दूर जाएं या जितनी बार भी सफर करें, तो ये दुआ जरूर पढ़े।
क्या हमको ये दुआ हाथ फेला कर पढनी चाहिए?
हाथ फेलाना कोई फ़र्ज नहीं है लेकिन जैसे हम बाकी दुआ मांगते हैं वैसे ही इसको भी हाथ फेला कर मांगी जाए तो बेहतर होगा।
हमने इस Blog Post से क्या सीखा ?
सफर की दुआ एक मौका है मोमिन के लिए ताकि वह घर वाले रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए शिफा मांग सके। खुद के लिए मामी हुई दुआ तो कबूल होती ही है लेकिन दूसरों का भी जरूर ख्याल रखें और जब एक मूवी ऐसा हुआ करता है तो उसको गए बंधुआ भी कहते हैं।
अगर आप वालिद/ वालीदैन हो तो अपने बच्चों को यह दुआ जरूर याद कराएं जिससे वह भी दुआ मांग सके और घर में बरकत हो।